“आज का ब्राह्मण कल का दलित है” यह किसी ब्राह्मण या भारतीय ने नहीं, फ्रांसीसी पत्रकार फ्रेंकोइस गौटियर ने कहा जिनका शोध पत्र पढ़ कर किसी का भी ह्रदय द्रवित हो जाएगा. वास्तिविक स्थिति तो और भी ख़राब है. इसलिए एक और ब्राह्मण संगठन बनाने की आवश्यकता पडी.

  • “संघे शक्ति कलियुगे” वोट बैंक के इस युग इसलिए ब्राह्मण स्वाभिमान की रक्षा के साथ स्वालंबन के लिए सामाजिक एकता हेतु प्रयास करना
  • राष्ट्र और धर्म की शक्ति और सम्पन्नता के लिए विश्व ब्राह्मण समुदाय को संयुक्त मंच प्रदान कर “अहम् ब्रहमाष्मि” की अवधारणा जागृत करना
  • विभिन्न प्रकोष्ठों के माध्यम से जन जागरण, जन कल्याण, वैवाहिक सहायता, दहेज उन्मूलन, स्वरोजगार एवं स्वालंबन, शिक्षा एवं संस्कार, नारी सम्मान एवं उत्थान, युवा शक्ति का मार्ग दर्शन आदि विषयों पर कार्य करना
  • “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत्” की भावना के साथ हम किसी पंथ, संप्रदाय और जाति का विरोध न करते हुए बृहद हिन्दू समाज की एकता में अपने लिए स्थान बनायेंगे
  • हमें विश्वास है की हम सफल होंगे क्योंकि “सत्यमेव जयते”
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